शनि ग्रह पीड़ा निवारण स्नान औषधि
जन्मकुण्डली में शनि ग्रह खराब होने पर अथवा महादशा अंतरदशा साढ़ेसाती अथवा वईया आने पर ।
शनि ग्रह पीड़ा निवारण स्नान औषधि
आलस्य में वृद्धि, अचानक समस्याओं से घिर जाना कर्ज बढ़ना, धैर्य में कमी ।
पाचन शक्ति कमजोर होना, बुरी आदतों के प्रति आकर्षण,
दिमाग में नकारात्मक एवं गंदे विचारों का आना
शराब या अन्य नशीले पदार्थों की ओर मन ललचाना
अपने जमे जमाए काम से मन भटकना या उसमें रूकावटे आना ।
नीचे काम करने वाले व्यक्तियों का आपकी बात न सुनना या उन पर आपका प्रभाव कम होना मूत्र विकार, पेट में पथरी बहुना, गुप्त रोग, नेत्र पीड़ा भोजन के पश्चात शरीर का भारी होना ।
आलस्य आना, आज का काम कल पर टालना ।
गवन, भ्रष्टाचार चोरी आदि के आरोव लगाना, कोर्ट कचहरी के चक्कर में पड़ना, जमीनी विवाद उत्पन्न होना ।
जीवन का अचानक अवन्ती की ओर अग्रसर होना, आर्थिक समस्याओं का सामना करना, कर्ज का निरंतर बढ़ना ।
हार्ट अटैक, अनिद्रा, बैचेनी आदि समस्याओं का उत्पन्न होना।
कमर, घुटने, पिंडलियों में दर्द एवं शरीर में बात प्रकृक्ति का बढ़ना ।
अतः यह सभी प्रभाव या इनमें से कुछ लक्षण आपके जीवन में घटित हो रहे है। जो यह शनि ग्रह का नकारात्मक प्रभाव है। इन प्रभावों की शांति के लिए आप शनि ग्रह पीड़ा निवारण औषधी को जल में मिलाकर 21 दि स्नान करें 21 दिन में स्वतः ही सभी दुष्प्रभावों का शमन होगा, और आप शारीरिक एवं मानसिक रूप से स्पस्थय महसूस करेंगें, कुण्डली में शनि ग्रह के सभी दुष्प्रभावों से मुक्ती के लिए तीन-तीन माह के अंतराल से औषधी स्नान करने पर स्थाई रूप से लाभ प्राप्त करेगे ।
नोट : औषधि स्नान के पश्चात किसी भी प्रकार के साबुन शैम्मू का उपयोग न करें।
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